॥ जय श्री राधे कृष्ण ॥
अपनी चिंता में रहिएगा तो, कोई आपकी चिंता न करेगा ।
दूसरों की चिंता कीजियेगा तो, दूसरे भी आपकी चिंता करेंगे ।
सबकी चिंता कीजियेगा तो, परमात्मा आपकी चिंता करेंगे ।
"*॥श्रीमभ्दगवग्दीता॥* -मेरी समझ में"- अमृताकाशी... "श्रीमभ्दगवग्दीता के
श्लोकों पर टीके"- स्वामी अमृतानंद सरस्वति... "कृष्ण नहीं आये.."- इक्कीस
वर्षों तक लिखी जाने वाली बहुत ही लम्बी कल्प-सत्य धारावाही कहानी..
- अमृताकाशी... "महाभारत पर समसामयिक उपयोग दृष्टि"-
स्वामी अमृतानंद सरस्वति.. तथा श्रीमभ्दगवग्दीता में श्री कृष्ण के
अनमोल वचन... और भी बहुत कुछ पढ़ने के लिए यहॉं जाएँ:
http://sribhagwatgeeta.blogspot.com
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