जय श्री राम....!
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम
दास मलूका कह गए, सबके दाता राम!
तुलसी दास जी कहते हैं:
सियाराम मय सबजग जानी!
करहुँ प्रणाम जोरि जुग पानी...!!
राम कौन हैं? राम यह सारा अस्तित्व है। "सबजग जानी"....
समस्त अस्तित्व, सारा ब्रह्माण्ड ही रामरूप है।
अस्तित्व क्या है? जिसमें अस्ति का गुण है यानि "जो है"।
सारा अस्तित्व, सारी दुनिया, सारा ब्रह्माण्ड ही राम हैं..
राम ही दिख रहे, राम ही सुनाई पड़ रहे..रूप, रस, स्पर्श, गंध,
ध्वनि के द्वारा इनकी ही प्रतीति हो रही और जो इन सभी से परे हैं
वह भी राम ही हैं!
जय श्री राम....!!
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